प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को पक्के मकान प्रदान करना है। इस योजना के तहत, सरकार का लक्ष्य 2028 तक सभी ग्रामीण परिवारों को सुरक्षित और सम्मानजनक आवास उपलब्ध कराना है।
लाभ: Benefits
वित्तीय सहायता: सरकार लाभार्थियों को पक्के मकान के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। सामान्य क्षेत्रों में ₹1,20,000 और पहाड़ी क्षेत्रों में ₹1,30,000 की सहायता राशि दी जाती है।
शौचालय निर्माण: स्वच्छ भारत मिशन के तहत, लाभार्थियों को शौचालय निर्माण के लिए अतिरिक्त सहायता भी प्रदान की जाती है, जिससे स्वच्छता और स्वास्थ्य में सुधार हो सके।
मनरेगा से संयोजन: मकान निर्माण के दौरान, लाभार्थी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत 90-95 दिनों का रोजगार भी प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है।
सीधे बैंक खाते में भुगतान: पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए, सभी भुगतान सीधे लाभार्थियों के आधार से जुड़े बैंक खातों में इलेक्ट्रॉनिक रूप से किए जाते हैं।
प्रक्रिया:
पात्रता निर्धारण: सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC) 2011 के आंकड़ों के आधार पर, सबसे कमजोर और बेघर परिवारों की पहचान की जाती है। इसके अतिरिक्त, 2025 में एक नया सर्वेक्षण "आवास+" मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जा रहा है, ताकि छूटे हुए पात्र परिवारों को शामिल किया जा सके।
लाभार्थी चयन: पहचान किए गए परिवारों की सूची ग्राम सभा में प्रस्तुत की जाती है, जहां समुदाय की भागीदारी से अंतिम लाभार्थियों का चयन किया जाता है।
आवेदन प्रक्रिया: चयनित लाभार्थियों को आवेदन पत्र भरना होता है, जिसमें आवश्यक दस्तावेज जैसे पहचान प्रमाण, आय प्रमाण, भूमि स्वामित्व के दस्तावेज आदि संलग्न करने होते हैं।
स्वीकृति और निधि वितरण: आवेदन की समीक्षा के बाद, स्वीकृति प्रदान की जाती है और निधि तीन किस्तों में जारी की जाती है:
पहली किस्त: स्वीकृति के बाद।
दूसरी किस्त: नींव स्तर (प्लिंथ लेवल) पूरा होने पर।
तीसरी किस्त: छत का कार्य पूरा होने पर।
निर्माण और निगरानी: लाभार्थी को निर्धारित समय सीमा के भीतर मकान का निर्माण करना होता है। निर्माण की प्रगति की निगरानी ग्राम पंचायत और उच्च अधिकारियों द्वारा की जाती है, ताकि गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित हो सके।
समापन और गृह प्रवेश: निर्माण कार्य पूर्ण होने पर, अंतिम निरीक्षण किया जाता है। सभी मानकों के अनुसार कार्य पूर्ण होने पर, लाभार्थी को गृह प्रवेश की अनुमति दी जाती है।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के माध्यम से सरकार का उद्देश्य ग्रामीण भारत में बेघर और कमजोर परिवारों को सम्मानजनक जीवन प्रदान करना है। इस योजना की पारदर्शी और सहभागी प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि वास्तविक जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचे और वे एक सुरक्षित और स्थायी आवास का सपना साकार कर सकें