इंदिरा आवास योजना (Indira Awas Yojana - IAY) भारत सरकार द्वारा चलाई गई एक योजना थी, जिसका उद्देश्य गरीब और बेघर लोगों को पक्के मकान उपलब्ध कराना था। इस योजना की शुरुआत 1985 में हुई थी और इसे प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (PMAY-G) में बदल दिया गया है
1. योजना का उद्देश्य
गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवनयापन करने वाले लोगों को पक्के घर दे
ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बेघर और कच्चे मकान में रहने वाले लोगों को सहायता प्रदान करना
अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और अल्पसंख्यकों को प्राथमिकता देना
2. पात्रता (कौन लाभ ले सकता है?
गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवनयापन करने वाले परिवार
ग्राम पंचायत द्वारा चुने गए लाभार्थी
अनुसूचित जाति/जनजाति, गैर-SC/ST गरीब परिवार, विधवा और विकलांग व्यक्ति
ऐसे लोग जिनके पास अपना खुद का कोई पक्का घर नहीं है
3. योजना के अंतर्गत ला
पक्के मकान के लिए 1.20 लाख रुपये (समतल क्षेत्रों में) और 1.30 लाख रुपये (पहाड़ी क्षेत्रों में) दिए जाते हैं
सरकार द्वारा घर निर्माण के लिए आर्थिक सहायता सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है
मकान निर्माण के लिए मनरेगा के तहत मजदूरी सहायता भी दी जाती है
टॉयलेट बनाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन (SBM) के तहत अतिरिक्त सहायता दी जाती है
4. आवेदन कैसे करें
ग्राम पंचायत में संपर्क करें – योग्य लाभार्थियों की सूची ग्राम सभा द्वारा तैयार की जाती है
ऑनलाइन आवेदन करें – प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://pmayg.nic.in/ पर जाकर आवेदन किया जा सकता है
जरूरी दस्तावेज़ – आधार कार्ड, राशन कार्ड, आय प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण, और मनरेगा जॉब कार्ड
5. योजना से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
इस योजना को 2016 में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (PMAY-G) में बदल दिया गया
लक्ष्य है कि 2024 तक हर गरीब परिवार के पास एक पक्का घर हो
इस योजना में 60% पैसा केंद्र सरकार और 40% राज्य सरकार देती है (पहाड़ी राज्यों में 90:10 का अनुपात होता है
निष्कर्ष
इंदिरा आवास योजना (अब पीएम आवास योजना-ग्रामीण) गरीबों को पक्के मकान दिलाने की एक महत्वपूर्ण सरकारी योजना है। यदि आप पात्र हैं, तो अपने ग्राम पंचायत से संपर्क करें और आवेदन की प्रक्रिया पूरी करें
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